जीवन नही मरा करता है

जीवन मे एक बार असफल हो जाने का यह अर्थ कभी नही होता की जीवन समाप्त हो गया. हमें निराश न  होकर फिर से प्रयास करणा चाहिये.

 यदि हमारा कोई सपना पूरा नहीं हो पाये समय से पहले ही तूट जाये तो हमें निराश नही होना चाहिये छिप-छिपकर रोना नही चाहिये आसू रुपी मोतियों को व्यर्थ नही बहाना चाहिये कुछ सपने पुरे नही हो सकते तो जीवन समाप्त नही हो जाता.

 माला यादी टूट कर बिखर गई तो चिंता नही करनी चाहिए.यदी हमारे आसूओ पर लोगो का ध्यान जाता है तो समजना चाहिये हमारी तपस्या पूरी हो गई. परिस्थितियों से हार कर रुट कर बैठा जाना समस्या का हल  नही होता. यदी कमीज फट जाये तो उसे सिला लेना पडता है फेक नही दिया जाता है यह ध्यान रखना चाहिए कि आंगण मे जलते दीपो मे से कुछ यदि बुझ जाये तो बाकी की दीप आंगण मे अपना प्रकाश फैलाते रहते है.

 इस दुनिया मे कुछ भी समाप्त नही होता केवळ उसका रूप बदलता है रात के बाद दिन का आना ऐसा लगता है.मानो रात ने चांदनी रुपी वस्त्र उतारकर धुपरुपी वस्त्र पहन लीये हो.हमे समजना चाहिये की बचपन मे खेलते समय कुछ खीलोने टूट जाते है कुछ खो जाते है परंतु बच्चो के आनंद पर कोई असर नही होता.

 पनघट पर पानी भरने वालो का हमेशा आना जाना लगा रहता है. जाने कितनी गगरिया वहा आये दिन टुटती रहती है.परंतु पणघट.उनका कभी शोक नही मनाता. वहा की चहल पहल पर कोई फरक नही पडता. निराशावादी दृष्टिकोन रखने से मन मस्तिष्क मे अंधेरा बढता है. और आशा रुपी प्रकाश कि लोकी आयू कम हो जाती है जाते है. पतझड आते है उपवन के पुष्प पते झड जाते है. परंतु वसंत के आते ही सभी वृक्ष नये कोमल पत्तो से लद जाते है. पतझड की लाख कोशिश के बाद भी उपवन हराभरा रहता है.

 माली प्रतिदिन उपवन के सभी फुलो को तोड लेता है लेकिन वहा फैली सुगंध नही लूट सकता. तूफान आते रहते है परंतु सुगंध के स्त्रोत का कुछ नही बिगाड सकते है. कुछ लोग सदा नफरत का भाव मन मे लिये रहते है ऐसे लोगो का काम होता है हर समय दुसरो की निंदा करना लेकिन लोक भूल जाते है कि दर्पण का काम होता है केवळ सच्चाई दिखाना.