सोई मेरी छौना रे
यह मा की ममता से परिपूर्ण कविता है मा अपने प्यारी बिटिया को सुंदर प्यारा संसार देना चाहती है.
मेरी प्यारी बिटिया सोई हुई है वह मिठे सपनो मे खोई है वह सपने मे सोने से बने झुले मे झुला रही है इस झुले मे रेशम की डोरीया बंधी है वह सपने मे परियो से लोरीया सून रही है मेरी प्यारी बिटिया सोई हुई है ऊसे मेरी नजर ना लगे.
आकाश मे चाँद सितारे जाग रहे है चांद का प्रकाश फैला है मानो चांदनी नृत्य कर रही है ऐसा लगता है मानो मेरे घर के आंगण मे चांदी के फुल खिले है मेरी प्यारी बिटिया सोई हुई है उसे मेरी नजर ना लगे.
मेरी प्यारी बिटिया सो रही है मुझे ईश्वर ने अद्भुत सुख दिया है मै गीत गाऊ और तुम सुखपूर्वक सोओ तुम सोती रहो और मै गाती रहू मेरी प्यारी बिटिया सोई हुई है उसे मेरी नजर ना लगे.
तुम जब जागो तो खूप खेलो तुम खेल खेल मे मुझसे रूठ और मै तुम्हे चाहू तुम्हे ऐसी दूनिया की सैर कराऊ जहा खिलोने ही खिलोने हो तुम मेरी सुंदर प्यारी बिटिया हो मेरी प्यारी बिटिया सोई हुई है.
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