बसंती हवा
बसंत ऋतु मे बहने वाली हवा बहुत सुहानी होती है इस समय सर्दी समाप्त हो जाती है और गर्मी का आगमन अभी दूर होता है बसंती हवा सभी को प्रसन्नता प्रदान करती है.
मे बसंती हवा हू सब लोग सुनो मे बडी अनोखी हवा हू मस्त मौला हुं मुझे किसी प्रकार की कोई चिंता नही है नही मुझे किसी का डर है मै एक अद्भुत यात्री हो मेरा जहा जाने का मन होता है मै उधर चली जाती हू.
मै महुऐ के पेड पर जा चढी.और मैने उसके पत्तोको खूप हिलाया पत्तो से थप थप की आवाज आई. मे धम से नीचे गिरी फिर मे आम के पेड पर चढी.उसे खूप झकझोरा उसके कान मे कु कहा और वहा से भाग चली. उसके बाद मे गेहू के खेतो मे पूहची वहा गेहू के बालीयो के बीच में बहुत देर तक लहराती रही.
मैने देखा पास ही अलसी के पौधे खडे है उनकी फुनगियोपर गोल गोल फल लगे है. जो कलसी जैसे लग रहे है. मुझे मस्ती सुझी. मैने अलसी के पोधो को जोर जोर से हिलाया झकझोरा पर एक भी फल नही गिरा.अपनी इस हार से निराश होकर मैने सरसो के खेत में जरा भी मस्ती नही की मैने सरसो के पोधो को बिल्कुल नही हिलाया झुलाया.
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