मेला

एक बडे और खुले मैदान मे मेला लगा है.मेले के प्रवेश द्वार पर सहायता कक्ष बना हुआ है.पास ही दमकल विभाग की दो गाडीया खडी है.

दुसरी और एक गोले मे रेल की पटरी या दिखाई दे रही है. वहा तीन  डिब्बो साथ रेल का इंजन खडा है.

 मेले के मैदान के बीच मे एक साफ सुथरा बडा मार्ग है.मार्ग के एक और एक बडा हिंडोला है. इसमे ग्यारह  डिब्बे है. प्रत्येक डिब्बे मे दो लोग बैठ सकते है .एक अन्य चक्रडोल है. जिसमे लकडी से बने हाती घोडा आदी पर बैठकर लोक झुल रहे है.

 चक्रडोल  के पास ही एक सुरक्षा चौकी है. वहा सूचनाऐ प्रसारित करने के लिए लाऊड स्पीकर लगा है.चौकी के बाहर खाकी गणवेश मे एक चौकीदार बैठा है. 

कुछ दूरी पर जमीन पर बैठी एक स्त्री खीलोने बेंच रही है. एक लडका और एक लडकी अपने माँ के साथ खीलोने खरीद रहे है.

 मार्ग पर खडा हुआ एक गुब्बारे वाला रंग बिरंगे गुब्बारे बेच रहा है. एक लडकी से गुब्बारे खरीद रही है.

 मार्ग के दुसरी और एक स्त्री ठेले  पर रंगबिरंगी चुडिया बेच रहे है.दो लडकिया चुडिया देख रही है.

 पास में ही एक भेलवाला भेल बेंच  रहा है.

 आगे निशाना लगाने वाली एक दुकान हैै. और बंदूक से गुबारा फोडणे का खेल है. दुसरी और छल्ला फेकर निशाना लगाने की व्यवस्था है.

पास ही पानी का प्याऊ  है. एक गिलास भी टगा हुआ है. वहा प्याऊ  पर बुंद बुंद पाणी बचावो कि पट्टी लगी है.

 मेले मे जगह जगह  कुडेदान रखे गये है.